जिनके पास स्वस्थ भोजन के लिए समय नही है, उन्हें देर सबेर बीमारी के लिए समय निकालना पड़ेगा।
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दोस्तों हमने सोया मिल्क/सोया पनीर का बिज़नेस केवल मुनाफे के लिए शुरू नहीं किया है बल्कि इस सोच के साथ शुरू किया कि हम समाज को एक अच्छा प्रोडक्ट दे सकें क्योकि आज समाज को अच्छे प्रोडक्ट की जरूरत है।
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दूध हमारे लिए फायदेमंद होता है। आजकल बाजार में दूध भी कई प्रकार के मिल रहे हैं। दूध का ऐसा ही एक प्रकार सोया मिल्क है। सोयाबीन से बना यह दूध कई प्रकार की बीमारियों को दूर करने में मदद करता है। गाय, भैंस के दूध की ही तरह सोया मिल्क भी बेहद पौष्टिक और फायदेमंद होता है। सोया मिल्क में मौजूद पोषक तत्व इसे नार्मल डेयरी वाले दूध से अधिक स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक बनाते हैं साथ ही आपकी हेल्थ और फिटनेस को बनाये रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। |
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ज्यादा से ज्यादा दूध लेने के लिए कुछ पशुपालक इंजेक्शन का इस्तेमाल करते हैं. कुछ दवाइयां भी पशुओं को खिलाई जाती हैं, ऐसे पशुओं का दूध मनुष्य के लिए नुकसानदायक होता है जिसके चलते कुछ लोगों ने जानवरों के दूध से दूरी बना ली है । इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए हमने सोयाबीन से दूध, दही और पनीर बनाने का काम शुरू किया है जो मवेशियों से मिलने वाले दूध की तुलना में काफी सस्ता है. सोयाबीन का दूध गाय-भैंस के दूध से थोड़ा अलग होता है लेकिन इसके फायदे बहुत हैं सोया मिल्क को मार्केट में प्रोटीन ब्लास्ट के नाम से भी जानते है क्योंकि इसमें प्रोटीन बहुत ज्यादा होती है । सोया मिल्क से बनने वाला पनीर मार्केट में मिलने वाले पनीर से ज्यादा पौष्टिक होता है। इसलिए इन दिनों प्लांट बेस्ड दूध की मांग होने लगी है. वहीं ज्यादातर डायबिटीज पेशेंट भी मवेशियों के दूध में लैक्टोज होने के चलते उसे पीना बंद कर देते हैं.
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त्यौहारों और शादियों के समय दूध की मांग उसकी खपत से कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है लेकिन उस समय भी दूध और दूध से बनने वाली चीज़ें जैसे दही, पनीर, आइसक्रीम, मिठाई आदि मार्केट में धड़ल्ले से बिकता है । अगर भारत में साल 2019 की एक रिपोर्ट की बात करें तो जब भारत 17 करोड़ टन दूध का उत्पादन कर रहा था तब देश में दूध की खपत 64 करोड़ टन थी यानी की उत्पादन से लगभग चार गुना ज्यादा खपत थी और अब तो 2024 चल रहा है दोस्तों दूध पीने को तो है नहीं फिर दही, लस्सी ,पनीर, आइसक्रीम, मिठाई बनाने को कहाँ से आएगा । ऐसे में सवाल यह उठता है कि इतना दूध कहाँ से आ रहा है क्या हम नकली चीजें खा रहे हैं? जब हम नकली चीजें खाएंगे या केमिकल का बना हुआ प्रोडक्ट्स खाएंगे तो बीमार तो पड़ेंगे ही पड़ेंगे। इसलिए मिलावटी चीज़ों से आप खुद भी बचिए और अपने दोस्तों को, समाज को, संबंधियों को, रिश्तेदारों को भी बचाइए और एक अच्छा प्रोडक्ट जो हमारी सेहत के लिए अच्छा है और प्रोटीन से भरपूर भी इसको काम में लीजिये ।
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सोयाबीन दूध का एक पौष्टिक प्रकार है जिसमें प्रोटीन, विटामिन और खनिज जैसे पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है । आइये जानते हैं कि सोया मिल्क पीने के क्या फायदे हैं -
सोया मिल्क पीने के क्या फायदे जानने के लिए क्लिक करें
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गाय के दूध की तरह ही सोयाबीन का दूध भी कई मामलों में स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। गाय, भैंस के दूध से यह दूध सस्ता पड़ता है। इसका सेवन करने से कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं के इलाज में मदद मिल सकती है सोयाबीन से तैयार होने वाले सोया मिल्क को उसकी पोषण संबंधी खूबियों की वजह से गाय के दूध का सबसे बेस्ट सब्स्टिट्यूट माना जाता है। इसमें प्रोटीन, फैट और कार्बोहाइड्रेट का उतना ही लेवल पाया जाता है जितना गाय के दूध में. साथ ही सभी जरूरी अमीनो ऐसिड की मौजूदगी की वजह से इसे कंप्लीट प्रोटीन के तौर पर भी जाना जाता है । अगर आप जिम जाते हैं तो सोया मिल्क का सेवन आपके लिए बहुत फायदेमंद है क्योंकि यह प्रोटीन से भरपूर होता है।
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जिन लोगों को सोयाबीन के पदार्थों से एलर्जी होती है, उनसे निवेदन है कि वे लोग सोयाबीन से बने किसी भी प्रोडक्ट का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना न करें।
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“आपका भोजन आपकी औषधि हो और आपकी औषधि आपका भोजन हो”
जीने के लिए खाना ज़रूरी है लेकिन जागरूकता और ज्ञान के साथ खाना अपने आप में एक प्रतिभा है।
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Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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